
कोरोना संकट में मजदूरों की जिंदगी जैसे राम भरोसे हो चली। पैदल चले तो मरे और किसी साधन के सहारे चले तो मरे। गांव पहुंचने के सफर पर निकले ये मजदूर एक के बाद एक हादसे के शिकार हो रहे हैं। 16 मई की सुबह ही उत्तर प्रदेश के औरेया में दो ट्रकों के आपस में टकराने से उनमें सवार 24 मजदूरों की मौत हो गई। जबकि 40 के आसपास लोग घायल हो गए हैं। इस हादसे की चीख पुकार अभी थमी नहीं थी कि यूपी के एक और हादसे में दंपती की मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक यह हादसा लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हुआ जहां एक टेंपों, ट्रक की चपेट में आ गया। हादसे में हरियाणा से दरभंगा(बिहार) जा रहे पति पत्नी की मौत हो गई। उनका 5 साल का मासूम बच्चा भी है।
वहीं औरेया हादसे को लेकर चश्मदीदों का कहना है कि हादसे के करीब दो घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची। औरैया के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह के मुताबिक पीछे से आ रहे ट्रक में राजस्थान से आ रहे कई मजदूर सवार थे। मरने वाले सभी मजदूर इसी ट्रक में सवार थे जबकि सड़क पर खड़े ट्रक में सवार लोग भी घायल हुए हैं। हादसे में घायलों को सैफई के मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया जहां इलाज चल रहा है। घायलों में छह लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
राजस्थान से बिहार झारखंड जा रहे थे मजदूर
हादसे के शिकार हुए ज्यादातर मजदूर झारखंड के रहने वाले थे। वहीं कुछ को बिहार जाना था तो कुछ यूपी और पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे। बता दें राजस्थान के भरतपुर से चले इस ट्रक में चूने की बोरियां भरी हुई थीं और उनके ऊपर करीब पचास मजदूर बैठे हुए थे।
आस पास के गांव तक पहुंची थी टक्कर की आवाज
हादसा इतना भयानक था कि दोनों ट्रकों की टक्कर की आवाज आस-पास के गांवों तक पहुंची थी। दोनों ही ट्रक उछलकर काफी दूर गड्ढे में जा गिरे थे।
12 घंटे के भीतर 32 की गई जान, हफ्तेभर में 40 मरे
हादसों की बात करें तो 12 घंटे के भीतर यूपी में तीन हादसे हुए जिसमें 32 लोगों की जानें चली गईं। वहीं एक हफ्ते के भीतर करीब 40 से ज्यादा लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवा चुके हैं। गौरतलब है कि 15 मई को ही अयोध्या हाईवे पर तेज रफ्तार एक वाहन ने पैदल जा रहे 11 श्रमिकों को रौंद दिया था। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 14 मई की देर रात यूपी के जालौन और बहराइच में दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में तीन प्रवासी मजदूरों की मौत होगई जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए।
जबकि 13 और 14 मई को तीन अलग-अलग सड़क हादसों में 15 मजदूरों की मौत हो गई है। इनमें से कई घायलों का इलाज अभी भी चल रहा है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में बस की टक्कर से ट्रक में सवार आठ प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई थी।
औरंगाबाद में 16 लोगों की मौत हुई थी
औरंगाबाद की घटना किसे याद नहीं होगी। पिछले हफ्ते ही महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक मालगाड़ी की चपेट में आने से रेल पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई थी। सभी प्रवासी मजदूर अपने गृहराज्य मध्य प्रदेश लौटने के लिए श्रमिक विशेष ट्रेन में सवार होने के लिए महाराष्ट्र के जालना से भुसावल जा रहे थे। रास्ते में थकान के कारण वे रेल पटरियों पर ही सो गए थे।
वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मजदूरों की मौत पर बीजेपी सरकार को घेरते हुए मृतकों को 10 लाख रुपए की राशि प्रदान करने की बात कही। अखिलेश यादव ने कहा,
घर लौट रहे प्रवासी मज़दूरों के मारे जाने की ख़बरें दिल दहलानेवाली हैं। मूलत: ये वो लोग हैं जो घर चलाते थे। इसलिए समाजवादी पार्टी प्रदेश के प्रत्येक मृतक के परिवार को 1 लाख रु की मदद पहुँचाएगी। नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए निष्ठुर भाजपा सरकार भी प्रति मृतक 10 लाख रु की राशि दे.
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