
प्रयागराजः उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने गुरुवार को कहा कि यदि उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी की सरकार बनी तो पहले ही वर्ष शिक्षा का बजट बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाएगा।
यहां सर्किट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने कहा कि वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश का शिक्षा बजट 17 प्रतिशत के करीब था जिसे योगी सरकार लगातार घटा रही है और आज वह इसे 13 प्रतिशत पर ले आयी है।
सिसोदिया ने आगे कहा , ‘‘ आज प्रदेश में सवा लाख शिक्षा मित्र धक्के खा रहे हैं। महिला शिक्षकों ने तो सिर मुड़ाकर योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। पांच साल पहले 60 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों और 40 प्रतिशत बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते थे, लेकिन आज यह अनुपात उल्टा हो गया है। आज 60 प्रतिशत बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं।’’
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का बंटाधार हो रहा है लेकिन निजी स्कूलों में पढ़ाई महंगी होने के बावजूद लोग अपने बच्चों को वहां अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ अभी तक धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगने पार्टियां आती थीं। लेकिन पहली बार एक पार्टी यहां आई है जो कहती है कि आप हमें वोट दो हम आपके बच्चों को शानदार शिक्षा देंगे। आम आदमी पार्टी सिर्फ कह नहीं रही, बल्कि दिल्ली में उसने इसे करके दिखाया है। ’’
सिसोदिया ने राजनीतिक पार्टियों पर हमला बोलते हुए कहा कि आज आलोचना करने वाली पार्टियों के लोग भी कह रहे हैं कि सच में शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली में कमाल हो गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछले सात साल में स्कूलों की ढांचागत सुविधाएं, निजी स्कूलों से बेहतर दिख रही हैं और सरकारी स्कूलों के नतीजे, निजी स्कूलों से बेहतर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे आईआईटी और नीट की परीक्षाएं निकाल रहे हैं, अब बच्चों में संस्कार डालने के लिए दिल्ली सरकार ने हैपिनेस कैरिकुलम लागू किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की स्थिति को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश की सरकार ना तो प्राथमिक शिक्षा, ना माध्यमिक शिक्षा और ना ही उच्च शिक्षा पर ध्यान दे रही है।
उन्होंने मूलभूत सुविधाओं की बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में स्कूल और कालेजों की मूलभूत जरूरतें पूरी नहीं हो रही हैं। पूरे प्रदेश में सरकारी स्कूल खंडहर पड़े हैं। कई ऐसे स्कूल हैं जहां पशुओं को बांधा जाता है। स्कूलों में शौचालय नहीं हैं और जो हैं भी वे टूटे फूटे पड़े हैं। प्रदेश के कई जिलों की महिला शिक्षकों ने सरकार से शौचालय ठीक कराने की सरकार से मांग की है।