
कोरोना से देशभर में साढ़े तीन हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इस बीच कोरोना से बॉलीवुड से भी एक की मौत की खबर सामने आई है। हाल ही में रोडीज फेम रघु राम के एक दोस्त का इस बीमारी की वजह से निधन हो गया है।
रघु के यहां ड्राइवर बन आया था अब्दुल, बना प्रोडक्शन हेड
रघुराम के इस दोस्त का नाम अब्दुल रऊफ था जो उनके पास ड्राइवर के तौर पर नौकरी शुरू की थी। हालांकि रघु राम ने उसके काम को देखते हुए अपने प्रोडक्शन का पूरा कार्यभार सौंप रखा था। दोस्त की मौत पर रघु राम ने सोशल मीडिया पर काफी भावुक पोस्ट शेयर किया है। और दोस्त को श्रद्धांजलि दी है।
अब्दुल की मौती की खबर रघु ने इंस्टाग्राम पर दी
रघु ने दोस्ते के निधन की सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए लिखा कि उनके दोस्त अब्दुल रऊफ की कोरोना वायरस की वजह से मौत हो गई। अब्दुल की मौत से रघु को काफी गहरा सदमा पहुंचा है। रोडीज फेम रघु राम ने अब्दुल रऊफ की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘पिछली रात कोविड-19 की वजह से तुम्हें खो दिया। जो दर्द मैं महसूस कर रहा हूं वो बयां नहीं किया जा सकता। तुम साल 2009 में मेरी जिंदगी में राजू, मेरे ड्राइवर के तौर पर आए थे, लेकिन तुम जो थे, उसने मुझे हैरान कर दिया था। तुम अब्दुल रऊफ थे। एक प्यार करने वाला, ईमानदार, मेहनती दोस्त जिसके सपने थे और उन्हें पूरा करने की हिम्मत।’
मैं बता नहीं सकता कि तुम्हें….
अब्दुल के व्यक्तित्व और उसके सपने को याद करते हुए रघु राम ने आगे लिखा, ‘तुमने कई शो के प्रोडक्शन में काम किया। तुम एक ऐसे इंसान के रूप में उभर कर आए, जिसपर हम सब निर्भर थे। तुमने अपनी मेहनत से अपनी किस्मत बदली। अभी बहुत कुछ हासिल करना बाकी था मेरे दोस्त। बहुत सारी लड़ाई अभी जीतना थी। मैं बता नहीं सकता कि मैं तुम्हें कितना याद करूंगा। मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि यह वायरस एक तेज चिंगारी को बुझा सकता है। यह इस तरह खत्म नहीं होना था। गुडबाय, अब्दुल। यह कभी ठीक नहीं होगा।’
रघु राम के भाई राजीव ने भी जताया शोक
उधर, रघु के भाई राजीव ने भी अब्दुल के निधन पर शोक जताया है। राजीव ने भी अब्दुल के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘भगवान तुम्हारी आत्मा को शांति दे अब्दुल भाई। मेरे कॉमरेड, मेरे भाई। साथ में हमारा सफर लंबा रहा। तुम ड्राइवर से मेरी कंपनी के प्रोडक्शन हेड बने। मेरे कलीग से मेरे दोस्त बने। तुम्हारे दिल की पवित्रता व काम और दोस्ती के प्रति दृढ़ता ने मुझ पर कभी ना मिटने वाली छाप छोड़ी है। लेकिन हमारा सफर यहां खत्म हुआ। यह फोटो एक साल से भी कम पुरानी है, जो लद्दाख में खींची थी। हमेशा के लिए प्यार भाईजान।’