
कृषि बिल को लेकर देश के कई राज्यों के किसान केंद्र सरकार से खफा हैं। खासकर पंजाब और हरियाणा के किसान कृषि कानून का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। इसी विरोध को जताने और सरकार द्वारा उनकी मांगों पर ध्यान देने के बाबत वे दिल्ली कूच कर रहे हैं, जिसको लेकर केंद्र सरकार ने दिल्ली की सभी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही राजधानी में किसानों की एंट्री ना हो, इसके लिए जवानों की तैनाती भी कर दी गई है।
किसानों को लेकर केंद्र सरकार के रवैए को लेकर एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने एक फेसबुक पोस्ट किया है जो काफी वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में रवीश कुमार ने केंद्र सरकार पर आपदा के बहाने अध्यादेश के जरिए कानून बनाने का आरोप लगया है। रवीश कुमार ने कहा कि पंजाब के ही किसान हैं जो पंजाब में खेती के साथ कनाडा और दुनिया के कई देशों में खेती करते हैं। वे सब जानते हैं।
रवीश कुमार ने लिखा, पंजाब के किसान मंडी सिस्टम की कमियाँ भी जानते हैं और खुले बाज़ार की भी। पंजाब के गाँवों में एक बंदा खेती करता है और दूसरा कनाडा में भी खेती करता है। पंजाब के ही किसान हैं जो भारत में कई राज्यों और दुनिया के कई देशों में खेती करते है, फिर भी वे कृषि सुधार क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं।
रवीश कुमार ने आगे कहा कि भारत ही नहीं भारत के बाहर भी पंजाब के किसान परिवार इस बिल के विरोध में हैं जबकि उन्हें दुनिया का भी पता है। देश का किसान बीस साल से खुले बाज़ार को भी देख रहा है। वो क्यों घूम फिर कर मंडी की तरफ़ लौटता है? क्यों न्यूनतम समर्थन मूल्य और लागत से ढाई गुना दाम माँग रहा है? कब तक नहीं दिया जाएगा ? आपदा के बहाने अध्यादेश के ज़रिए क़ानून लाया गया। फिर जो राज्य सभा में हुआ उसे सबने देखा। और अब, किसान दिल्ली न आ सकें इसके लिए सड़कों को खोदा जा रहा है। कमाल है न ।
गौरतलब है कि सोनीपत के हल्दाना बॉर्डर पर बुधवार की रात 11 बजे से किसान डटे हुए हैं। इस दौरान किसानों ने बार-बार बेरिकेड तोड़ने का प्रयास किया। रात में ही किसानों पर पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। शुक्रवार सुबह बड़ी तादाद में किसान एक बार फिर दिल्ली बॉर्डर पर जुटने शुरू हुए।
वहीं पंजाब से जुड़े सीमावर्ती जिलों से लगातार किसानों का काफिला दिल्ली को कूच रहा है। सोनीपत में राजीव गांधी एजुकेशन सिटी तक किसान पहुंच गए हैं। यहां वे पत्थर हटाते रहे और पुलिस खड़े देखते रही। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर एक तरफ किसान का काफिला है तो दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस खड़ी है। वहीं सूचना है कि किसान कुंडली तक पहुंच चुके हैं।