
कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच भूख और आर्थिक परेशानियों से गुजर रहे प्रवासी मजदूरों से राहुल गांधी ने मुलाकात की। दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाइओवर के पास फुटपाथ पर बैठे मजदूरों से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने लगभग एक घंटे तक उनका हालचाल लिया। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक देवेंद्र नाम के एक मजदूर ने बताया कि राहुल गांधी हमसे आधे घंटे पहले मिले। हम हरियाणा से पैदल आए हैं, उन्होंने हमें गाड़ी उपलब्ध कराई, उन्होंने कहा कि ये गाड़ी हमें हमारे घरों तक छोड़ देगा। उन्होंने हमें भोजन, पानी और मास्क भी दिया। वहीं हरियाणा से झांसी जा रहे मोनू नाम के मजदूर ने एएनआई से कहा, “राहुल गांधी फ्लाईओवर के पास जा रहे मजदूरों से मिले। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बाद में मजदूरों को गांव-घर ले जाने के लिए गाड़ी का बंदोबस्त भी किया।”
कांग्रेस ने लगाया आरोप- मजदूरों को हिरासत में लिया गया
उधर, जिन मजदूरों से राहुल गांधी मिले पुलिस द्वारा उनको गिरफ्तार किए जाने का आरोप लगाया। दिल्ली कांग्रेस से जुड़े अनिल चौधरी ने दावा किया कि हमें पता लगा कि मजदूरों को हिरासत में ले लिया या है। राहुल आए और उनसे मिले। हमने पुलिस से बात की, जिसके बाद दो लोगों को एक साथ जाने की अनुमति दी गई। हमारे वॉलंटियर्स प्रवासी मजदूरों को अब घर छोड़ने जा रहे हैं। हम दो-दो लोगों को साथ भिजवा रहे हैं। हालांकि समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया मजदूरों को पकड़े जाने की बात गलत है। वे अभी भी वहीं हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें वाहन मुहैया कराने की बात कही थीं, पर नियमों के मुताबिक उन्हें एक साथ नहीं जाने दिया जा सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि वे बड़े समूह में हैं।
वहीं इससे पहले मजदूरों से मिलने के पहले राहुल गांधी ने वीडियो लिंक के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस और सरकार के 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज, मजदूरों की समस्या सहित देश के आर्थिक हालात पर काफी कुछ कहा।
आने वाला है आर्थिक तूफान
कोरोना संकट के मद्देनजर उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक तूफान अभी आया नहीं है लेकिन आने वाला है। और इसका जबर्दस्त नुकसान होने वाला है। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी सुने। हम यानी विपक्ष थोड़ा दबाव डाले और अच्छी तरह से समझाए तो सरकार सुन भी लेगी।
बिना सोचे समझे ना खोलें लॉकडाउन
राहुल गांधी ने लॉकडाउन पर केंद्र सरकार को समझदारी से कदम उठाने को लेकर कहा कि बिना सोचे समझे अगर लॉकडाउन खोला गया तो इसका काफी नुकसान होगा। लॉकडाउन को खोलने की बात हो रही है तो लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए फैसला करना चाहिए।
मनरेगा के तहत 200 दिन का रोजगार मिले
मजदूरों और आर्थिक पैकेज पर राहुल गांधी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश करेंगे कि इस पैकेज के बारे में दोबारा से सोचें। और मनरेगा के तहत 200 दिन के रोजगार गारंटी सहित उन्हें डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर पर विचार करना चाहिए।
लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी
लॉकडाउन के बीच सड़कों पर मारे मारे फिर रहे मजदूरों की चिंता करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह वक्त किसी पर दोष मढ़ने का नहीं है। देश के सामने बड़ी समस्या है जिसका हमें हल निकालना है। मजदूरों की बात बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। जो लोग सड़कों पर हैं उनकी मदद करना और उनकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।