
अपनी दमदार अदायगी से बॉलीवुड में जगह बनाने वाले अभिनेता पंकज त्रिपाठी को इंडस्ट्री में 17 हो चुके हैं। इन 17 सालों में पंकज त्रिपाठी ने अपने करियर को लेकर निजी लड़ाइयां भी लड़ी हैं ताकि वे खुद को बतौर एक्टर साबित कर सकें। यूं तो पंकज त्रिपाठी ने बॉलीवुड फिल्मों में कई छोटेमोटे रोल किए लेकिन उनको सफलता अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’ से मिली थी।
पंकज कहते हैं कि, ‘सालों तक मैं अपने करियर को लेकर एक बहुत निजी लड़ाई लड़ रहा था ताकि बतौर एक्टर खुद को साबित कर सकूं। आज मेरी यात्रा और उपलब्धियों ने उन सभी लोगों के लिए उम्मीद की एक किरण जगाई है जो यह सोचते हैं कि कुछ भी असंभव नहीं है’। लेकिन पंकज त्रिपाठी ने ये भी कहा कि इंडस्ट्री में आउटसाइडर्स की सफलता की राह इतनी आसान नहीं होती। उन्हें हालात से संघर्ष करना पड़ता है और यही सच्चाई है।
पंकज त्रिपाठी ने ईटी से बातचीत में कहा, ‘यह सच है कि इंडस्ट्री में नए ऐक्टर्स के लिए आसान राह नहीं होती। हां, यदि उनका इंडस्ट्री से कोई पुराना कनेक्शन है तो बात कुछ और होती है। बॉलिवुड में एक आउटसाइडर के लिए राह मुश्किल होती है। यह राह तब और मुश्किल हो जाती है कि जब आप किसी गांव से आए हैं और आपने हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ाई की है।’
गौरतलब है कि पंकज त्रिपाठी एक किसान परिवार से आते हैं। वे बिहार के गोपालगंज जिले से ताल्लुक रखते हैं। पंकज त्रिपाठी ने गांव से ही हाई स्कूल तक की पढ़ाई की और फिर पटना आ गए। पंकज ने हाजीपुर से होटल मैनेजमेंट की डिग्री ली और पटना के ही मौर्या होटल में काम करने लगे। कॉलेज के दिनों में ही थिएटर में उनकी रुचि जगी और फिर 7 साल बाद उन्होंने दिल्ली के नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया। यहां से पढ़ाई पूरी कर वे मुंबई के लिए रवाना हो गए।
बता दें नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के दौरान पंकज त्रिपाठी की शादी हो चुकी थी। वह मुंबई अकेले नहीं गए थे बल्कि पत्नी को भी साथ ले गए थे। पंकज त्रिपाठी ने इस बात का खुलासा किया था कि जब तक उन्हें काम नहीं मिला पत्नी ने स्कूलों में पढ़ाकर घर का खर्च चलाया।