
कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दी गई है। वहीं कुछ जरूरी सेवाओं के लिए छूट भी दी गई। हालांकि लॉकडाउन की आड़ में कई जगह इंसानियत को तार-तार करने वाली खबरें भी आ रही हैं। कुलथुपुझा के एक शख्स के साथ भी यही हुआ।
दरअसल कुलथुपुझा के एक व्यक्ति ने अपने 65 साल के बीमार पिता को पुनालुर तालुक अस्पताल में भर्ती कराया था। एक दिन बाद ही अस्पताल से छुट्टी मिल गई। पिता को घर ले जाने के लिए बेटे ने ऑटोरिक्शा अस्पताल तक लाने की कोशिश की लेकिन पुलिस वालों ने उसे लॉकडाउन का हवाला देते हुए ऑटोरिक्शा अस्पताल के पास ले आने के लिए मना कर दिया।
बीमार और बुढ़े पिता के इस बेटे ने जरूरी कागजात भी दिखाए लेकिन पुलिसवालों ने उसकी एक ना सुनी और ऑटो को आगे ले जाने से मना कर दिया।
मजबूर बेटे ने हिम्मत बनाई और पिता को कंधे पर लाध 1 किलोमीटर तक पैदल भागता रहा। रोगी का परिवार भी पीछे-पीछे भागता रहा। कई लोगों ने इस दृश्य को अपने कैमरे में कैद किए। समाचार एजेंसी एएनआई ने इसका वीडियो ट्वीट किया जो काफी वायरल हो रहा है। पुलिस के इस रवैए पर राज्य के मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान ने ‘सू मोटो केस’ दर्ज किया है। मामले में पुलिस से जवाब मांगा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बुधवार तक केरल में कोविड-19 के 388 मामलों की पुष्टि की गई। 211 मरीजों के ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। मालूम हो कि केरल में कोरोना वायरस के अब तक 609 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 388 एक्टिव केस हैं। वहीं 3 लोगों की मौत हो चुकी है और 218 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।