
देश में कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते प्रसार पर अंकुश लगाने और रोगियों का पता लगाने के लिए सरकार ने चीन से रैपिड टेस्ट किट (China Covid 19 Test Kit) खरीदी थी जिसकी गुणवत्ता काफी खराब निकली। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने इनके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। भारत ने अब चीन को दिए किट के सभी ऑर्डर रद्द कर दिए हैं।
उधर, भारत के ऑर्डर रद्द करने को लेकर चीन काफी नाराज है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के ऑर्डर रद्द करने पर चिंता जाहिर की है। चीन का आरोप है कि कुछ लोग पक्षपातपूर्ण सोच के कारण टेस्ट किट की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं।
इसको लेकर भारत में चीन के दूतावास ने सोमवार को एक बयान जारी किया। बयान के कहा गया है कि चीन से मंगाए गए टेस्ट किट की गुणवत्ता हमारी प्राथमिकता है। लेकिन कुछ लोग चीन के टेस्ट किट को अपनी पक्षपातपूर्ण सोच की वजह से दोषपूर्ण बता रहे हैं। यह अन्यायपूर्ण और गैरजिम्मेदाराना है।’ चीन ने बयान में यह भी कहा है कि वह भारत के इस फैसले से बेहद चिंतित है।
क्या है रैपिड टेस्ट?
रैपिड टेस्ट वह उपकरण है जिससे संक्रमितों की पहचान तेजी से कर लेता है। यानी संक्रमण से प्रभावित किसी व्यक्ति के सामान्य जांच में जो 8 से 9 घंटे कभी इससे ज्यादा भी लगता है, वहीं रैपिड टेस्ट के जरिए जांच के परिणाम महज आधे घंटे में ही आ जाता है। ऐसे में तेजी से संक्रमितों का पता लगाने और इलाज मुहैया कराने में आसानी हो जाती है।
जिनमें लक्षण नहीं दिखते उनका भी लग जाता है पता
रैपिड टेस्ट एंटीबॉडी की मदद लेता है। जब कोई व्यक्ति कोरोना का शिकार होता है तो उसके शरीर में इससे लड़ने के लिए एंडीबॉडी बनाता है। इस टेस्ट से यह पता चल जाता है कि शरीर के इम्यून सिस्टम ने वायरस को बेअसर करने के लिए एंटीबॉडी का निर्माण किया है या नहीं। और इस टेस्ट से उन संक्रमित व्यक्तियों का भी पता लगाया जा सकता है जिनमें संक्रमण के लक्षण कभी नहीं दिखते हैं।
ऐसे होता है जांच
रैपिड टेस्ट का दूसरा नाम सेरोलॉजिकल टेस्ट भी है। इस टेस्ट प्रक्रिया में संदिग्ध व्यक्ति का खून, प्लाज्मा या सिरम का नमूना लिया जाता है। परीक्षण के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें रोगी के नाक या गले से नमूने लिए जाते हैं। टेस्ट किट में सैंपल के साथ एक केमिकल को मिलाया जाता है। इस केमिकल की मदद से नतीजे आधे घंटे में आ जाते हैं।