
लॉकडाउन की वजह से दिल्ली एनसीआर में स्थित माइक्रोब्रुअरीज (शराब भट्टी) अब तक लाखों लीटर बीयर नालियों में बहा दिए हैं। एनबीटी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में अबतक 1 लाख लीटर ताजा बीयर को ब्रुअरीज नालियों में बहा चुके हैं। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इसे खराब होने से बचाने(सुरक्षित) में इसकी कीमत से कहीं ज्यादा लागत आ रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक गुरुग्राम के साइबर-हब आउटलेट से 5000 लीटर बीयर नाली में बहाए जा चुके हैं। वहीं एक और ब्रुअरीज को 3 हजार लीटर बीयर फेंकनी पड़ी। छोटे-मोटे ब्रुअरीज को मिलाकर कुल 1 लाख लीटर से ज्यादा ताजा बीयर को फेंकना पड़ा है।
ब्रुअरीज मालिकों का कहना है कि ताजा बीयर कम समय तक ही ठीक रह पाता है। उसे एक निश्चित तापमान में रखना पड़ता है जिसकी मॉनिटरिंग भी रोज करनी पड़ती है। सामान्य दिनों में ऐसा नहीं होता था लेकिन इस वक्त स्टाक में ताजा बीयर ज्यादा हैं औऱ उनको सुरक्षित रखने में लागत से ज्यादा कीमत आएगी इसलिए वे फेंकने पर मजबूर हैं।
ब्रुअर्स का कहना ये भी है कि सरकार से वे होम डिलीवरी की अनुमित मांगे थे लेकिन नहीं मिली। विदेशों में ऐसा हो रहा है। लॉकडाउन के हटने के बाद बीयर की दुकानों पर पहले जैसी भीड़ लगेगी इसका भी उन्हें संदेह है।
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इसके साथ ही ब्रुअर्स दोहरे नुकसान को झेलने की बात की है। उनका कहना है कि सिर्फ उत्पादन की कीमत का ही नुकसान नहीं हुआ है बल्कि लाइसेंसे की फीस औऱ ड्यूटी का भी नुकसान झेलना पड़ा है जिसका उन्होंने एडवांस में भुगतान कर दिया था। नैशनल रेस्ट्रॉन्ट असोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) की गुरुग्राम यूनिट के हेड बंगा ने स्टेट एक्साइज डिपार्टमेंट को लिखा है कि अप्रैल में लाइसेंसों के रीन्यूअल की फी न ली जाए। माइक्रोब्रुअरी लाइसेंस पर ही हर महीने लाखों का खर्च आता है।