
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को शनिवार सुबह अचानक तबीयत खराब होने से उन्हें रायपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल (श्री नारायण हॉस्पिटल) में एडमिट कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। अजीत जोगी की हालत फिलहाल गंभीर है बनी हुई है। हालात को बिगड़ता देख डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जोगी का सुबह करीब 7 बजे ही उनकी विधायक पत्नी डॉ. रेणु ने ब्लड प्रेशर चेक किया। ब्लड प्रेशर के कम होने और कुछ सुधार नहीं होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर सुनील खेमका के मुताबिक जोगी को कार्डियक अरेस्ट आया था। अब रिकवरी हो रही है। हालांकि, स्थिति अब भी गंभीर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बेटे अमित जोगी से फोन पर अजीत के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
बता दें जोगी छत्तीसगढ़ कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक हैं। हाल ही में उन्होंंने पार्टी छोड़कर नया दल बना लिया। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी नई पार्टी ‘छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे)’ के बैनर तले चुनाव लड़ा था। हालांकि स्वास्थ्य कारणों से पिछले कुछ महीनों वे पार्टी को ज्यादा समय नहीं दे पार रहे थे।
साल 2019 में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की माता की तेरहवीं में भी अजीत जोगी की तबीयत खराब हो गई थी। उस वक्त वह बेहोश हो गए थे।
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प्रशासनिक अधिकारी से लेकर आदिवासी नेता तक
विनोद वर्मा की किताब ‘गढ़ छत्तीस’ के मुताबिक अजीत जोगी ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा हासिल करने के बाद रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षक भी रहे। हालांकि कम ही समय वे यहां अपनी सेवा दे पाए। इसके बाद वह भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी IAS ज्वाइन की। इस सेवा में रहते हुए उन्होंने इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सीधी, शहडोल और रायुपर के कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दीं। प्रशाशनिक अधिकारी के रूप में भी अजीत जोगी ने शहर दर शहर घूमे और राजनीतिक अनुभव हासिल किया। शुरू से ही पढ़ने-लिखने में भी रुचि रखने वाले अजीत को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह राजनीति में ले आए और कांग्रेस में एक मजूबत नेता के तौर स्थापित हो गए। राजीव गांधी के काफी करीबी माने जाते थे अजीत जोगी।