
यूपी के बांदा जेल में बंद माफिया व बसपा विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले दिनों जहां उनकी पार्टी बसपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया वहीं यूपी सरकार उनपर लगातार दबिश बनाई हुई है। इस बीच खबर है कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दर्ज एफआईआर के बुनियाद पर मुख्तार अंसारी से पूछताछ करने जा रही है।
मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ जुलाई में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप है कि मुख्तार अंसारी ने एक सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा जमाया और उसे सात साल के लिए 1.7 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से एक निजी कंपनी को किराए पर दे दिया। ईडी इस रकम और कब्जा जमाने के मामले में अपनी पूछताछ करेगी। खबर के मुताबिक ईडी मुख्तार अंसारी से बांदा जेल में ही पूछताछ करेगी।
इसके साथ ही सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान व बाहुबली अतीक अहमद के खिलाफ भी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि पिछले साल पुलिस ने अतीक की कुल 16 कंपनियां चिह्नित की थीं जिसमें से कई बेनामी थीं। इन कंपनियों में नाम तो किसी और का है लेकिन परोक्ष रूप से इनमें पैसा अतीक का लगा है। इनमें से ज्यादातर कंपनियों का कारोबार रियल इस्टेट से संबंधित है। यह भी जानकारी मिली है कि इन कंपनियों का लेनदेन करोड़ों में है। पुलिस अफसरों ने बताया था कि जिन 16 कंपनियों के बारे में जानकारी मिली है उनमें से तीन कंपनियां अतीक की पत्नी साइस्ता परवीन जबकि पांच रिश्तेदारों के नाम से रजिस्टर्ड हैं। आठ कंपनियां ऐसी हैं जिनके बारे में यह नहीं स्पष्ट हो सका है कि उनका मालिक कौन है।
आजम पर है किसानों की जमीन हड़पने का आरोप
समाजवादी नेता आजम खां पर किसानों की जमीन हड़पने का आरोप है। जानकारी के मुताबिक, नियमों की धज्जियां उड़ाकर आजम खां ने किसानों की जमीनें ले लीं। इसके बाद कुछ किसानों ने इसकी शिकायत राज्यपाल से की थी। आरोप है कि आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी के नाम पर जिन जमीनों का अधिग्रहण किया था। उनमें से कई जमीनें सरकारी हैं और यूनिवर्सिटी बनाने में सरकारी पैसे का इस्तेमाल किया गया।