
नई दिल्लीः सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर हो रहे विरोध के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने अग्निपथ की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान आगजनी और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने को लेकर सवाल कहा कि प्राथमिकी दर्ज, आरोपी की पहचान, उचित जांच के बाद हम कह सकते हैं कि इसके पीछे कौन बल थे। जांच होनी चाहिए और पूरी तरह से होनी चाहिए।
अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध पर अजीत डोभाल ने कहा कि जहां तक रेजीमेंट का सवाल है, दो बातें समझने की जरूरत है। कोई भी रेजिमेंट की अवधारणा के साथ छेड़छाड़ नहीं कर रहा है … वे (रेजिमेंट) जारी रहेंगे … रेजिमेंटल सिस्टम खत्म नहीं हुआ है …।
अजीत डोभाल ने कहा, यहां इसे एक नजरिए से देखने की जरूरत है। अग्निपथ अपने आप में एक स्टैंडअलोन योजना नहीं है। 2014 में जब पीएम मोदी सत्ता में आए, तो उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाना था। उन्होंने कहा, मोटे तौर पर, वे चार प्रमुखों के अंतर्गत आते हैं। इसके लिए उपकरणों की आवश्यकता होती है, इसके लिए प्रणालियों और संरचनाओं में परिवर्तन की आवश्यकता होती है, इसके लिए प्रौद्योगिकी में परिवर्तन की आवश्यकता होती है, इसके लिए जनशक्ति, नीतियों में परिवर्तन की आवश्यकता होती है और उन्हें भविष्यवादी होना चाहिए।
NSA अजीत डोभाल ने आगे कहा, पूरा युद्ध एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। हम संपर्क रहित युद्धों की ओर जा रहे हैं, और अदृश्य शत्रु के विरुद्ध युद्ध की ओर भी जा रहे हैं। तकनीक तेजी से आगे बढ़ रही है। अगर हमें कल की तैयारी करनी है, तो हमें बदलना होगा।
उन्होंने आगे कहा, सुरक्षा एक गतिशील अवधारणा है। यह स्थिर नहीं रह सकता, यह केवल उस वातावरण के संबंध में है जिसमें हमें अपने राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा करनी है। उन्होंने इस दौरान कहा कि रेजिमेंट की अवधारणा खत्म नहीं हो रही। अजीत डोभाल ने कहा, अकेले अग्निवीर (Agniveer) पूरी आर्मी कभी नहीं होंगे। वे केवल 4 साल के लिए भर्ती किए गए जवान होंगे। बाकी सेना का बड़ा हिस्सा अनुभवी लोगों का होगा। जो अग्निवीर नियमित होंगे (4 साल बाद) उन्हें घनिष्ठ ट्रेनिंग दी जाएगी।